Saturday, 14 April 2018

Most interesting facts about tech

Interesting Technology & Computer 


  • The domain name www.youtube.com was registered on February 14, 2005.
  • If you opened up the case of the original Macintosh, you will find 47 signatures. One for each member of Apple’s Macintosh divison as of 1982.
  • Computer programming is currently one of the fastest growing occupations.
  • On an average work day, a typist’s fingers travel 12.6 miles.
  • TYPEWRITER is the longest word that can be made using the letters only on one row of the keyboard.
  • “Stewardesses” is the longest word that is typed with only the left hand.
  • The world’s first computer, called the Z1, was invented by Konrad Zuse in 1936. His next invention, the Z2 was finished in 1939 and was the first fully functioning electro-mechanical computer.
  • The first computer mouse was invented by Doug Engelbart in around 1964 and was made of wood.
  • Domain names are being registered at a rate of more than one million names every month.
  • There are approximately 1.06 billion instant messaging accounts worldwide.
  • The first banner advertising was used in 1994.
  • E-mail has been around longer than the World Wide Web.
  • The average computer user blinks 7 times a minute, less than half the normal rate of 20.
  • The average 21 year old has spent 5,000 hours playing video games, has exchanged 250,000 e-mails, instant and text messages and has spent 10,000 hours on the mobile phone
  • By the year 2012 there will be approximately 17 billion devices connected to the Internet.
  • While it took the radio 38 years, and the television a short 13 years, it took the World Wide Web only 4 years to reach 50 million users.
  • There are approximately 1,319,872,109 people on the Internet.
  • Bill Gates’ house was designed using a Macintosh computer.
  • Bill Gates, the founder of Microsoft was a college drop out.
  • The first domain name ever registered was Symbolics.com.
  • Another name for a Microsoft Windows tutorial is ‘Crash Course’!
  • Dell’s first advertisement was made on the back of a pizza box.
  • Yahoo! was originally called ‘Jerry’s Guide to the World Wide Web’.
  • Steve Jobs’ annual salary was $1, just enough to keep company health benefits.
  • The most productive day of the workweek is Tuesday.

Thursday, 12 April 2018

Best inf0

माऊस व्हील एक तीसरा बटन
माऊस व्हील एक तीसरे बटन की तरह काम करता है। किसी भी लिंक पर माऊस व्हील को क्लिक करने से वह जालपृष्ठ सीधे एक नए टैब में खुल जाता है। किसी भी खुले हुए टैब पर माऊस व्हील क्लिक करने पर वह टैब बन्द हो जाता है।
२६ दिसंबर २०११

बड़ा टेक्स्ट एक साथ सेलेक्ट करने के लिये
किसी भी टैक्स्ट एडिटर में बड़ा टेक्स्ट एक साथ सेलेक्ट करने के लिये टैक्स्ट के प्रारंभ में एक क्लिक करें और फिर शिफ्ट दबाकर अंत में एक बार क्लिक करें। इससे टेक्स्ट को आसानी से सेलेक्ट किया जा सकता है।
१९ दिसंबर २०११

यू-ट्यूब पर प्रदर्शित वीडियो की गुणवत्ता कम ज्यादा कर के
हम उसके लोड होने का समय भी कम ज्यादा कर सकते हैं। और वीडियो को थोड़ा अच्छा या थोड़ा खराब देख सकते हैं। गुणवत्ता जितनी अच्छी होगी लोड होने में उतना अधिक समय लगेगा। वीडियो की गुणवत्ता प्लेयर के निचले दाएँ हिस्से में एक संख्या के रूप में लिखी होती है और उसी जगह क्लिक करके उसे बदला भी जा सकता है। ये संख्याएँ कुछ इस प्रकार होती हैं २४०p, ३६०p, ७२०p, १०८०p इत्यादि। जितनी बड़ी संख्या उतनी अच्छी गुणवत्ता।
१२ दिसंबर २०११

कुंजी की सहायता से जालपृष्ठ को रिफ्रेश या रिलोड करना
F5 कुंजी से हम किसी भी जालपृष्ठ को रीफ्रेश या रीलोड कर सकते हैं।
५ दिसंबर २०११

कुंजी की सहायता से आगे पीछे के जालपृष्ठों पर जाना
Alt कुंजी के साथ <left arrow> या <right arrow> से हम पहले या बाद के जालपृष्ठ पर जा सकते हैं।
२८ नवंबर २०११

Ctrl कुंजी के साथ + और - दबाने से
किसी भी जालपृष्ठ के आकार (चित्र और अक्षर दोनों) को बड़ा या छोटा किया जा सकता हैं। बड़ा या छोटा करते हुए मूल आकार में लाने के लिए Ctrl + 0 का प्रयोग कर सकते हैं।
२१ नवंबर २०११

नए जालस्थल का पता लिखना हो तो-
बिना माऊस क्लिक किए Alt+D दबा कर हम एड्रेस बार पर पहुँच सकते हैं।
१४ नवंबर २०११

सभी ब्राउज़रों के लिये उपलब्ध XMarks (http://www.xmarks.com) एक्सटेंशन के द्वारा एक कंप्यूटर पर किसी एक ब्राउज़र में लगाये गये पुस्तचिह्न (बुकमार्क या फ़ेवरेट्स) अनेकों कंप्यूटरों तथा ब्राउज़रों पर एक साथ लाए जा सकते हैं। केवल उन सब जगह एक्समार्कस इन्सटॉल होना चाहिये। यही नहीं, इस एक्सटेंशन के द्वारा ब्राउज़िंग इतिहास, खुले टैब, तथा कूटशब्दों के साथ भी यही किया जा सकता है।
७ नवंबर २०११

इंटरनेट पर चैट तथा बातचीत करने के लिए
कई अलग-अलग सॉफ़्टवेयर हैं जैसे कि गूगल टॉक, याहू मैसेंजर, स्काईप, इत्यादि। इन सबको अलग-अलग प्रयोग करने की जगह अगर पिडगिन (http://pidgin.im/ ) नामक मुक्त सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल किया जाय तो यह लगभग सभी चैट सॉफ़्टवेयर का काम अकेले ही कर सकता है। इसके द्वारा किसी भी ऐकाउंट से चैट की जा सकती है चाहें वो गूगल हो, हॉटमेल, याहू, फ़ेसबुक, या कोई और। यही नहीं इसमें एक ही बार में अनेक ऐकाउंट से चैट तथा बात की जा सकती है। इसका एक और आकर्षण यह है कि यह विंडोज़ के साथ-साथ अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे मैक ओ एस, लिनक्स, बी एस डी, इत्यादि पर भी उपलब्ध है।
३१ अक्तूबर २०११

गूगल प्लस
(Google+) फ़ेसबुक की तरह का एक सामाजिक जालस्थल है जिसे गूगल ने बनाया है। इसका प्रमुख आकर्षण यह है कि आपको आवश्यक रूप से अपने परिचितों को अलग-अलग "श्रेणियों" (Circles) में बाँटना होता है जो कि बड़ी आसानी से हो जाता है। हर श्रेणी में अलग जानकारी डाली (पोस्ट की) जा सकती है जो बाकी सभी श्रेणियों से छुपी रहती है।
२४ अक्तूबर २०११

कूटशब्द में अंकों व चिह्नों का प्रयोग
करने को अक्सर कहा जाता है लेकिन आजकल के हैकरों की उन्नत तकनीक और तेज़ कम्पयूटरों को आगे यह तभी उपयोगी है जब इन्हें मूल कूटशब्द की लम्बाई बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाए। इनकी जगह या इनके साथ कूटशब्द को सुरक्षित बनाने के लिए उसका लम्बा होना अधिक आवश्यक है। एक सरल लेकिन १५-२० अक्षर लम्बा कूटशब्द एक अंकों व चिन्हों वाले ८-१० अक्षर लम्बे कूटशब्द की तुलना में कई गुना अधिक सुरक्षित है।
१७ अक्तूबर २०११

अलग-अलग जालस्थलों के लिये
कभी भी एक ही कूटशब्द (पासवर्ड) का प्रयोग नहीं करना चाहिये क्योंकि अगर किसी भी कारणवश किसी एक जालस्थल का भी कूटशब्द हैक हो गया तो आपके अन्य जालस्थलों के कूटशब्द भी जाने जा सकते हैं। विशेष रूप से बैंक जालस्थलों के कूटशब्द बिलकुल अलग रखने चाहिये। कूटशब्दों के बारे में हम आगे भी बताते रहेंगे।
१० अक्तूबर २०११

विज्ञापन रहित वेब यात्रा के लिये
AdblockPlus - मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स के लिये अत्यंत लाभदायक एक्सटेंशन है जो जालस्थलों से विज्ञापन हटा देता है। इससे जालस्थल काफ़ी साफ़-सुथरे दिखते हैं और बैंडविड्थ की भी बचत होती है। यह गूगल क्रोम के लिये भी उपलब्ध है।
३ अक्तूबर २०११

चीज़े कैसे काम करती हैं-
इस बारे में जानकारी के लिये- Howstuffworks.com- एक उपयोगी जालस्थल है। इस जालस्थल पर चित्रों और चलचित्रों की सहायता से जानकारी को बहुत ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
२६ सितंबर २०११

जालस्थल पर मानचित्र सेवा के लिये-
Maps.google.com उपयोगी है। खोज के लिए किसी जगह का नाम देने पर वहाँ का मानचित्र उपलब्ध हो जाता है जो एक देश जितने बड़े से लेकर कर एक मुहल्ले जितनी छोटी जगह के हो सकते हैं। यहाँ पर मानचित्र के साथ उपग्रह द्वारा लिए गए चित्र भी हैं। इस जालस्थल की एक और उपयोगिता यह है कि इस पर एक जगह से दूसरी जगह जाने के दिशा निर्देश भी मिल जाते हैं।
१९ सितंबर २०११

विकी क्या हैं?
ऐसे जालस्थल जिनके पन्नों में किसी भी तरह का बदलाव ब्राऊज़र में ही किया जा सकता है उन्हें विकी कहते हैं। कुछ प्रमुख विकी साईट्स हैं - विकीपीडिया, कविताकोश, भारतकोश।
१२ सितंबर २०११

यदि एनिमेशन वाले विज्ञापन रोकना चाहें तो-
फ्लैश ब्लॉक एक ऐसा ब्राऊज़र एक्सटेंशन है जो सभी फ्लैश सामग्री को रोक देता है। हालांकि अगर हम चाहें तो चुने हुए जालस्थलों पर फ्लैश चलाने की अनुमति भी दे सकते हैं।
५ सितंबर २०११

सैकड़ों जाल-अनुप्रयोगों का भंडार
गूगल के ही जालपृष्ठ पर आई-गूगल (iGoogle) के नाम से सैकड़ों जाल-अनुप्रयोग उपलब्ध हैं। इनमें गूगल की सभी सेवाओं के साथ समाचार, मौसम, खेल, ज्योतिष आदि सभी कुछ अपनी रुचि के अनुसार जोड़ा जा सकता है। जालपृष्ठ का रंग-रूप भी इच्छानुसार बदला जा सकता है। इसका लिंक गूगल के मुखपृष्ठ (http://www.google.com) पर होता है पर अगर यह किसी कारणवश नहीं दिख रहा तो जालपृष्ठ के ऊपरी दायें कोने पर "Sign in" के बगल में पहिये पर क्लिक करें और विकल्पों में से iGoogle चुन लें। iGoogle से वापस साधारण गूगल पर जाना चाहें तो इसी पहिये पर क्लिक कर के "Google Classic" का विकल्प चुन सकते हैं।
२९ अगस्त २०११

डीफ्रैगमैंट करने का सॉफ़्टवेयर
वैसे तो विन्डोज़ में पहले से ही होता है परन्तु एक तो ये पीछे हो रही कार्यवाही को दर्शाता नहीं है और दूसरे यह बहुत अच्छा काम भी नहीं करता है। इसकी जगह काफी मुफ़्त सॉफ़्टवेयर उपलब्ध हैं जिनमें से हमारे कुछ पसंदीदा निम्नलिखित हैं-
१. माय डीफ्रैग ( http://www.mydefrag.com)- इसकी विशेषता यह है कि यह फ़ाईलों को पहचान कर उनके बढ़ने के लिए जगह बनाकर रखता है जिसके कारण फ़ाईलें दुबारा कम बिखरती हैं। इसका मुक्त होना भी एक आकर्षण है।
२. डीफ्रैगलर ( http://www.piriform.com/defraggler)- यह इस्तेमाल करने में आसान है और अपना काम काफ़ी तेज़ी से करता है। बहुत बड़ी (कई GB की) फ़ाईलों में इसे दिक्कत हो सकती है।
२२ अगस्त २०११

हार्ड डिस्क को डीफ्रैगमैंट करने की आवश्यकता-
काफी समय तक काम करते रहने पर हार्ड डिस्क पर लिखी हुई फाईलें बिखर जाती है और कई टुकड़ों में बँट भी जाती हैं। इस कारण कम्पयूटर की गति धीमी हो जाती है। इससे बचने के लिए कम से कम महीने में एक बार हार्ड डिस्क को डीफ्रैगमैंट अवश्य करना चाहिए। डीफ्रैगमैंट करने के विभिन्न सॉफ़्टवेयरों की जानकारी अगले सप्ताह देंगे।
१५ अगस्त २०११

नॉर्टन तथा मैक ऐफी जैसे महँगे ऐंटी वाईरस की जगह मुफ्त के अनेक ऐंटी वाईरस उपलब्ध हैं जो गुणवत्ता में किसी भी तरह से कम नहीं हैं। इनमें से मुख्य निम्नलिखित हैं-
१. अवास्ट फ़्री ऐँटी वाईरस - http://www.avast.com/free-antivirus-download
२. अविरा ऐंटीविर पर्सनल फ़्री ऐँटी वाईरस - http://www.avira.com/en/avira-free-antivirus
३. माईक्रोसॉफ़्ट सिक्योरिटी एसेन्शियल्स - http://www.microsoft.com/en-in/security_essentials/default.aspx
४. पांडा क्लाउड ऐँटी वाईरस - http://www.cloudantivirus.com/en/
५. कोमोडो इंटरनेट सिक्योरिटी प्रीमियम - http://www.comodo.com/home/internet-security/free-internet-security.php

८ अगस्त २०११
विन्डोज़ विस्टा तथा विन्डोज़ ७ में
किसी खुली विन्डो को माऊस से हिलाने पर बाकी खुली विन्डोज़ मिनिमाईज़ हो जाती है। दुबारा हिलाने पर ये सभी विन्डोज़ वापस आ जाती हैं।
१ अगस्त २०११

विन्डोज़ विस्टा तथा विन्डोज़ ७ में
किसी खुली विन्डो को माऊस से स्क्रीन के ऊपरी किनारे पर ले जाने पर वह विन्डो मैक्सिमाईज़ होकर पूरे स्क्रीन पर आ जाती है।
२५ जुलाई २०११

विन्डोज़ विस्टा तथा विन्डोज़ ७ में
किसी खुली विन्डो को माऊस से स्क्रीन के बाएँ या दाएँ किनारे पर ले जाने पर वह विऩ्डो स्क्रीन के पूरे आधे भाग में व्यवस्थित हो जाती है।
१८ जुलाई २०११

एक से अधिक विंडो खुली होने पर उनमें घूमने के लिए   Alt + Tab का प्रयोग करते हैं। विन्डोज़ विस्टा तथा विन्डोज़ ७ में Windows + Tab से यह काम त्रि-आयामी (3D)तरीके से बड़े रोचक ढंग से किया जा सकता है।
११ जुलाई २०११

रेखा चित्रण के लिये
कोरेल ड्रॉ का बहुत ही अच्छा विकल्प इन्कस्केप नाम का अनुप्रयोग है। यह मुफ्त और मुक्त है और व्यवसायिक कलाकार भी इसका प्रयोग करते हैं। यह http://inkscape.org/ पर उपलब्ध है।
४ जुलाई २०११

निनाईट डॉट कॉम (ninite.com)
एक ऐसा जालस्थल है जहाँ आप ढेरों मुफ़्त अनुप्रयोगों में से अपने मतलब के अनुप्रयोग चुन सकते हैं और यह आपके लिये एक विशिष्ट रूप से निर्मित इन्सटॉलर बना देगा जो आपके चुने हुये अनुप्रयोग विश्वजाल से डाउनलोड करके संस्थापित कर देगा।
२७ जून २०११

फ़ोटोशॉप का एक और मुफ्त विकल्प
अगर फ़ोटोशॉप की उन्नत क्षमताओं की आवश्यकता न हो तो पेंट डॉट नेट अनुप्रयोग का इस्तेमाल किया जा सकता है। ध्यान रहे कि यह मुफ़्त तो है पर मुक्त नहीं है। यह http://www.getpaint.net/ पर उपलब्ध है।
२० जून २०११

फ़ोटोशॉप का एक मुफ्त और मुक्त विकल्प
अनुप्रयोग जिम्प के नाम से उपलब्ध है। क्षमताओं के हिसाब से यह फ़ोटोशॉप के बराबर है। दिखने में थोड़ा अलग होने के कारण कुछ लोग इसे आज़माने में हिचकते हैं परन्तु एक बार इसका अनुभव हो जाने पर महँगे फ़ोटोशॉप के बदले आप इसे ही प्रयोग करना चाहेंगे। यह http://www.gimp.org/  पर उपलब्ध है।
१३ जून २०११

एम एस ऑफिस के मुफ्त और मुक्त विकल्प
के लिये ओपेन ऑफिस का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें एम एस ऑफिस के लगभग सभी काम हो जाते हैं। इसमें वर्ड के विकल्प में राईटर, ऐक्स्ल के विकल्प में कैल्क तथा पावर पॉइंट के विकल्प में इम्प्रेस मिलते हैं। यह http://www.openoffice.org/  पर उपलब्ध है। इसके अन्य संस्करण http://go-oo.org/  तथा
http://www.libreoffice.org/  से भी उपलब्ध हैं।
६ जून २०११

पहले किये हुए काम को वापस लाना-
वर्ड, एक्सेल तथा अन्य कई अनुप्रयोगों में, Ctrl+Z दबाकर पिछला किया हुआ काम पलटा जा सकता है। जैसे अगर हमने गलती से कुछ मिटा (डिलीट कर) दिया हो तो Ctrl+Z से लेख वापस लाया जा सकता है।
३० मई २०११

लेख को सारणी में बदलना-
लेख को सारणी (टेबल) में बदलना झंझट का काम होता है। ऐसा करने के लिए पहले अपने लेख को अल्पविराम(कॉमा), टैब या किसी अन्य न इस्तेमाल किए हुए वर्ण से स्तम्भों को अलग करते हुए लिख लें। अब लेख को सैलेक्ट कर लें, फिर Table -> Convert -> Convert text to table पर क्लिक करें। आवश्यकतानुसार विकल्पों को बदल कर OK पर क्लिक करें। सारा लेख एक बार में सारणी में बदल जाएगा।
२३ मई २०११

कूट शब्दों का प्रयोग-
अपने कंप्यूटर पर फाइलों (डॉक्यूमेंट) को गोपनीय रखने के लिए हम दो प्रकार के कूटशब्द का प्रयोग कर सकते हैं-
१) डॉक्यूमेंट को खोलने के लिए- डॉक्यूमेंट को खोलने के लिए यदि कूटशब्द लगाया गया है तो तो बिना सही कूटशब्द दिए डॉक्यूमेंट को खोला नही जा सकता है।
२) डॉक्यूमेंट में बदलाव के लिए दिया गया कूटशब्द- ऐसा कूटशब्द देने पर कोई भी हमारा कोई भी हमारा डॉक्यूमेंट खोल तो सकता है पर उसमें बदलाव नही कर सकता है।
इनमें से कोई भी कूटशब्द देने के लिए Save as > Tools > General Options में जाकर कूटशब्द दिया जा सकता है।
१६ मई २०११

बुकमार्क या फेवरेट्स-
अगर हमें किसी जालपृष्ठ पर बार-बार जाने की आवश्यकता पड़ती है तो उसको हम अपने फेवरेट्स (Favorites) या बुकमार्क्स (Bookmarks) में जोड़ सकते हैं। फायरफॉक्स में जालपृष्ठ पर दाहिना क्लिक करके या बुकमार्क सूची में Bookmark This Page पर क्लिक करके बुकमार्क बन जाता हैं। इन्टरनेट एक्सप्लोरर मे यही काम करने के लिए बुकमार्क की जगह फेवरेट्स और बुकमार्क दिस पेज की जगह Add to favorites पर क्लिक करना होगा। क्रोम में तथा फायरफॉक्स में एड्रैस बार में तारे के चिन्ह पर क्लिक करके भी हम बुकमार्क बना सकते हैं।
९ मई २०११
अस्थाई फाइलों की छुट्टी-
हमारे कंप्यूटर पर बहुत सारे प्रोग्राम अपनी अस्थायी फाईलें बना लेते हैं जिनकी हमें ज़रुरत नही होती है। इनके कारण कंप्यूटर की गति काफी धीमी हो जाती है। Start Menu-> Programs-> Accessories-> System Tools-> Disc Cleanup से अपनी ड्राईव का चयन करके हम इन फाईलों को हटा सकते हैं।
२ मई २०११

विण्डोज़+E दबाने पर-
विंडोज एक्सप्लोरर या माई कंप्यूटर खुल जाता है। इस युक्ति के द्वारा हमें स्टार्ट बटन या माई कंप्यूटर ढूँढने की ज़रूरत नहीं होती, काम के बीच में ही हम बड़ी आसानी से अपनी फाईलों तक पहुँच सकते हैं।
२५ अप्रैल २०११

विण्डोज़ में इन्स्क्रिप्ट का ऑनस्क्रीन कीबोर्ड-
के लिये Start>Run बक्से में जाकर osk लिखकर ऍण्टर दबायें। आपके सामने ऑनस्क्रीन कीबोर्ड आ जायेगा, फिर लैंग्वेज हॉटकी दबाकर हिन्दी भाषा में स्विच करें तो हिन्दी कीबोर्ड आपके सामने आ जायेगा।
१८ अप्रैल २०११

किसी भी ब्राऊज़र में काम करते समय-
एक से ज्यादा टैब खुले होने पर Ctrl+F4 दबाने पर वर्तमान टैब बन्द हो जाता है। इसी प्रकार से ऑफ़िस में काम करते वक्त एक से ज्यादा डॉक्युमेन्ट्स खुले होने पर Ctrl+F4 दबाने पर वर्तमान डॉक्युमेन्ट बन्द हो जाता है।
११ अप्रैल २०११

Windows+M या Windows+D दबाने पर-
सारी खुली हुई विन्डोज़ एक साथ मिनिमाईज़ हो जाती हैं। Alt+F4 दबाने पर जिस विन्डो में आप काम कर रहे हैं वह बन्द हो जाती है।
४ अप्रैल २०११

इंटरनेट के उपयोग के लिये-
एड्रेस बार पर कुछ लिख कर Ctrl+Enter दबाने पर लिखे हुए शब्द के प्रारम्भ में www और अन्त में .com अपने आप लगाकर Enter दब जाता है।
२८ मार्च २०११

एक कदम सुरक्षा का
अपने कम्पयूटर को सुरक्षित करने के लिए Control Panel-> User Account-> User पर जाकर पासवर्ड डाला जा सकता हैं। Windows+L दबाने पर कीबोर्ड और स्क्रीन इस प्रकार बंद हो जाता है जिसे पासवर्ड डाले बिना दुबारा चालू नहीं किया जा सकता। यह युक्ति तभी काम करती है जब पासवर्ड पहले से सेट किया हुआ हो।
२१ मार्च २०११

बनाएँ वेब पेज का शार्ट कट
इन्टरनेट एक्सप्लोरर में स्क्रीन पर कहीं भी माउस का दाहिना बटन दबाए और खुलने वाली सूची में से क्रिएट शॉर्टकट चुनें। इससे जालपृष्ठ का शॉर्टकट बनकर डेस्कटॉप पर आ जाएगा। यह पन्ना बाद में कभी भी  यहाँ से आसानी से खोला जा सकता हैं।
१४ मार्च २०११

एक क्लिक में समय और तिथि
नोटपैड या टेक्स्ट फाइल पर काम करते समय F5 'की' दबाकर जहाँ भी आवश्यकता हो, तात्कालिक समय और तिथि टंकित की जा सकती है।
७ मार्च २०११

यू एस बी-
यू एस बी एक पी सी से अन्य उपकरणों को जोड़ने के लिए एक मानक है जिसमें तारों की संख्या, कनेक्टर के आकार तथा उनपर चलने वाले विद्युत संकेत सभी निर्दिष्ट किए गए हैं। यू एस बी की दो विशेषताएँ हैं - (१) सांकेतिक तारों (सिग्नल वायरों) का विद्युत शक्ति उपलब्ध कराने के लिये भी उपयोग (इससे उपकरण को अलग से बिजली से जोड़ने की ज़रूरत नहीं पड़ती) तथा (२) कनेक्टरों की मज़बूती और आसान प्रयोग। यू एस बी आजकल पी सी से अन्य उपकरणों को जोड़ने के लिए सबसे लोकप्रिय मानक है और कई पुराने मानकों का स्थान ले चुका है।
२८ फरवरी २०११
ब्लू रे -
ब्लू रे सीडी तथा डीवीडी के विकास की अगली कड़ी है। जहाँ एक सीडी पर लगभग ७०० एम बी तथा एक डीवीडी पर लगभग ४ जी बी डेटा आ सकता है, वहीं एक ब्लू रे की क्षमता २५ जी बी होती है। इसकी ड्राईव तथा डिस्क महँगी होने के कारण कम प्रचलित है।
२१ फरवरी २०११
क्लाउड कम्पयूटिंग-
क्लाउड कम्पयूटिंग एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा स्थान मुक्त स्वरूप से साँझे सरवर कम्पयूटरों तथा अन्य उपकरणों को उनके आवश्यक्तानुसार संसाधन (अनुप्रयोग, सौफ्टवेयर एवं डेटा ) तथा अन्य सेवायें उपलब्ध कराते हैं।
१४ फरवरी २०११
ब्राउज़र एक्सटेंशन-
यह एक ऐसा छोटा प्रोग्राम होता है जो ब्राउज़र के साथ जुड़कर उसकी क्षमताओं का विस्तार करता है। यह प्लगिन से भिन्न होता है क्योकि जहाँ प्लगिन के द्वारा ब्राउज़र नए प्रारूप की जानकारी पर काम कर सकता है वहीं एक्सटेंशन्स ब्राउज़र में पहले से उपलब्ध क्षमताओं को नए स्वरूप में प्रयोग करके उसकी क्षमताओं को निखारते हैं।
फायरफौक्स के ४५०० से आधिक एक्सटेंशन्स उपलब्ध हैं। क्रोम, सफारी, ऑपेरा के लिए भी काफी संख्या में एक्सटेंशन्स उपलब्ध हैं।
७ फरवरी २०११
वेब होस्टिंग- 
यह विश्वजाल पर प्रदान की जाने वाली एक ऐसी सेवा है जिसका प्रयोग करके कोई व्यक्ति अथवा संस्था अपने जालस्थल को लोगों तक पहुँचा सकता है। इसके द्वारा उनका जालस्थल विश्वजाल पर उपलब्ध हो जाता है और कोई भी उस तक पहुँच कर उसे देख सकता है।
३१ जनवरी २०११
प्लगिन(Plugin)-
किसी भी अनुप्रयोग (application) विशेषतः ब्राउज़र में लग जाने वाला एक अंश जो उस अनुप्रयोग की क्षमताओं को बढ़ा सकता है। उदाहरणतः ब्राउज़र के लिए फ़लैश प्लेएर(Flash player) एवं एक्रोबैट रीडर (Acrobat reader) प्लगिन के उदाहरण है।
२४ जनवरी २०११
कुकी(Cookie)-
कुकी किसी जालघर द्वारा आपके ब्राउज़र में रखी गयी छोटी सी जानकारी अथवा सूचना को कहते हैं। जो जालघर आपके ब्राउज़र पर कुकी रखता है केवल वही जालघर उस कुकी को वापस देख सकता है।
१७ जनवरी २०११
टॉप लेवल डोमेन-
किसी जालस्थल (वेबसाइट) के नाम का वह अंतिम भाग है, जो किसी नामांकन संस्था (डोमेन रजिस्ट्रार) के अधिकार में होता है और जिसके अन्तर्गत वह जालघर नामांकित होता है। उदाहरण के लिए www.abhivyakti-hindi.org में .org टॉप लेवल डोमेन है। और www.ignou.ac.in में .ac.in टॉप लेवल डोमेन है।
१० जनवरी २०११
ब्राउजर-
एक ऐसा अनुप्रयोग जिसके द्वारा विश्वजाल (इंटरनेट) पर उपलब्ध जालस्थलों को देखा तथा उनपर काम किया जाता है। कुछ प्रचलित ब्राउज़र हैं - इंटरनेट एक्सप्लोरर, मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स, गूगल क्रोम एवं ऐप्पल सफ़ारी।
३ जनवरी २०१०

Tuesday, 10 April 2018

Processeser notes

               Processeser
प्रोसेसर कंप्यूटर के सीपीयू (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) के सभी कंप्यूटर फंक्शन को एक इंट्रीग्रेटेड सर्किट (आईसी) पर इकठ्ठा करता है| माइक्रोप्रोसेसर मल्टीपर्पज प्रोग्रामेबल डिवाइस है जो डिजीटल डेटा को इनपुट के रूप में ऐक्सेप्ट करता है, इसे अपने मेमोरी में स्‍टोर इन्स्ट्रक्शन के अनुसार प्रोसेस करता है और आउटपुट के रूप में परिणाम प्रदान करता है।
कंप्यूटर प्रोसेसर के इतिहास में, गति और प्रोसेसर की क्षमताओं में नाटकीय रूप से सुधार हुआ है। इंटेल ने 1971 में अपना पहला 4-बिट माइक्रोप्रोसेसर 4004 पेश किया था जिसमें 2300 ट्रांजिस्टर लगे हुए थे और यह प्रति सेकंड में मोटे तौर पर 60000 आपरेशन परफॉरम करता था| माइक्रोप्रोसेसर की शुरआत ने डिजिटल सिस्‍टम में क्रांती ला दी और यह आज तक जारी है|
माइक्रोप्रोसेसर में समय के साथ बदलाव को आप निचे ग्राफ में दे देख सकते है –
Infograph_Processor_Capacity

इसकी लॉजिकल कैपेसिटी हर साल 30 प्रतिशत बढ़ी है, क्‍लॉक फ्रिक्वेंसी 20 प्रतिशत बढ़ी है लेकिन पर फंक्शनल कॉस्‍ट 20 प्रतिशन घटी है| अब तो अधिक से अधिक कार्यक्षमता को एक ही माइक्रोप्रोसेसर चिप पर पैक किया जा सकता है|
एक ही चिप पर ट्रांजिस्टर की बड़ी संख्या मे डालने की क्षमता के साथ, मेमोरी को एक ही आकार के प्रोसेसर पर इंट्रीग्रेटेड करना संभव हो गया है| सीपीयू कैश का अब यह एडवांटेज है की वह अब फास्‍ट ऐक्‍सेस कर सकता है और उसकी कई एप्‍लीकेशन के लिए प्रोसेसिंग पावर बढ़ी है|
पिछले एक दशक से, हमारे पीसी में पहले डुअल-कोर फिर क्वाड-कोर और अब कोर आइ 3 प्रोसेसर जिसमें दो कोर है, कोर आइ 5 जिसमें चार कोर और कोर आइ 7 जिसमें चार कोर होते है| एडवांस टेक्नोलॉजी से अधिक कॉम्पलेक्स और पावरफूल चिप को बनाना संभव हो गया है| इंट्रीग्रेटेड सक्रिट से कम कीमत वाले कंप्‍यूटर के आगमन से आज दुनिया आधुनिक समाज में तब्दील हो गयी है।

Types of Processors in Hindi:

प्रोसेसर के प्रकार:

मार्केट में कई अलग-अलग प्रोसेसर उपलब्‍ध हैं हालांकि, केवल कुछ ही हैं जिनके बारें में आपको विचार करना चाहिए।
कंप्यूटर माइक्रोप्रोसेसरों के दो प्राइमरी मैन्युफैक्चरर्स हैं Intel और Advanced Micro Devices (AMD) ये दोनो प्रोसेसर ही स्‍पीड और क्‍वालिटी के मामले में बाजार का नेतृत्व करते हैं।
इंटेल के डेस्कटॉप पीसी के लिए अपनी प्रोसेसर श्रेणी में Celeron, Pentium और Core i3, Corei5, Corei7 बनाए हैं, जबकी AMD के डेस्‍कटॉप प्रोसेसर में Sempron, Athlon और Phenom शामिल हैं।

Intel Chips timeline:

2004 के बाद से, इंटेल ने मल्‍टीपल कोर के साथ माइक्रोप्रोसेसर को शुरू किया| यहाँ माइक्रोप्रोसेसर ट्रांजिस्टर का एक इतिहास है

Date of introductionProcessorTransistor countProcessArea
1971Intel 4004230010 µm12 mm²
1972Intel 8008350010 µm14 mm²
1974Intel 808045006 μm20 mm²
1978Intel 8086290003 μm33 mm²
1982Intel 802861340001.5 µm49 mm²
1985Intel 803862750001.5 µm104 mm²
1989Intel 8048611802351 µm173 mm²
1993Pentium31000000.8 µm294 mm²
1995Pentium Pro5,500,000[16]0.5 µm307 mm²
1997Pentium II75000000.35 µm195 mm²
1998Celeron processor75000000.25 µm113 mm²
1999Pentium III95000000.25 µm128 mm²
2000Pentium 442000000180 nm217 mm²
2002Pentium 4 Northwood55000000130 nm145 mm²
2006Core 2 Duo Conroe29100000065 nm143 mm²
2007Core 2 Duo Allendale16900000065 nm111 mm²
2008Core 2 Duo Wolfdale3M23000000045 nm83 mm²
2007Core 2 Duo Wolfdale41100000045 nm107 mm²
2008Core i7 (Quad)73100000045 nm263 mm²
2011Quad-core + GPU Core i7116000000032 nm216 mm²
2010Six-core Core i7 (Gulftown)117000000032 nm240 mm²
2012Quad-core + GPU Core i7 Ivy Bridge140000000022 nm160 mm²
2014Quad-core + GPU Core i7 Haswell1,400,000,000[22]22 nm177 mm²
2006Dual-core Itanium 21,700,000,000[23]90 nm596 mm²
2013Six-core Core i7 Ivy Bridge E186000000022 nm256 mm²
2015Duo-core + GPU Core i7 Broadwell-U1,900,000,000[24]14 nm133 mm²
2008Six-core Xeon 7400190000000045 nm503 mm²
2010Quad-core Itanium Tukwila2,000,000,000[25]65 nm699 mm²
2011Six-core Core i7/8-core Xeon E52,270,000,000[26]32 nm434 mm²
20108-core Xeon Nehalem-EX2,300,000,000[27]45 nm684 mm²
20148-core Core i7 Haswell-E2,600,000,000[28]22 nm355 mm²
201110-core Xeon Westmere-EX260000000032 nm512 mm²
20128-core Itanium Poulson310000000032 nm544 mm²
201415-core Xeon Ivy Bridge-EX4,310,000,000[30]22 nm541 mm²
201261-core Xeon Phi5,000,000,000[31]22 nm350 mm²
201418-core Xeon Haswell-E55,560,000,000[32]22 nm661 mm²

What is Core in Hindi:

Core Meaning in Hindi:

आमतौर पर कोर सीपीयू का एक कंप्‍यूटेशनल युनिट है, जो ALU के माध्‍यम सें विशिष्‍ट ऑपरेशन के लिए इन्स्ट्रक्शन को पढता है| अगर सीपीयू में एक ही कोर है, तो इसका मतलब है की सीपीयू में एक ही सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है और यह मल्टीपल ऑपरेशन को एक साथ नही कर सकता|
परफॉरमेंस को बढ़ाने के लिए इसमें अतिरिक्त “कोर,” या सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट जोड़ें जाते है। डुअल-कोर सीपीयू में दो सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट एक ही सर्किट पर लगे होते है जो एक ही युनिट की तरह व्यवहार करते है| डुअल-कोर आपके सभी एक्‍शन को तेजी से और एक ही समय पर परफॉरम करता है|

Computer से जुड़े सभी Full Form

Computer से जुड़े सभी Full Form Computer Full Form : C =  COMMON O =  OBJECTIVE M =  MACHINE P =  PRACTICALLY U =  USED in T =  TRADE E...